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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कोलकाता दौरा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कोलकाता दौरा


*प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियां भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक-- मुख्यमंत्री*

*खर्रा, बाजौर, महरिया व लखोटिया भी कार्यक्रम में हुए शामिल*

जयपुर 28 अक्टूबर( बी एल सरोज ) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी अपनी मातृभूमि से दूर होने के बावजूद अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक मूल्यों को कायम रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दुनिया भर में रह रहे राजस्थानियों की कर्मभूमि और जन्मभूमि के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन कर रही है। यह दिवस प्रवासी राजस्थानियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और अपनी मातृभूमि के साथ उनके जुड़ाव को गहरा करने के लिए एक समर्पित मंच का काम करेगा। उन्होंने सभी प्रवासी राजस्थानियों को इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आमंत्रण दिया। 
श्री शर्मा मंगलवार को होटल आईटीसी सोनार कोलकाता में प्रवासी राजस्थानी मीट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के आर्थिक विकास में प्रवासी राजस्थानियों का बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री ने पीढ़ी दर पीढ़ी राजस्थान की संस्कृति को संजोए रखने के लिए प्रवासी राजस्थानी समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियां राज्य के युवाओं और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान फाउन्डेशन के 26 चैप्टर देश के विभिन्न राज्यों और दुनिया के देशों में कार्यरत हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश के अग्रणी टेक्सटाइल सेंटर के रूप में उभरा है, जहां 1,500 से अधिक फैक्ट्रियां संचालित हैं। राज्य पॉलिएस्टर विस्कोस यार्न, कपास और ऊन का सबसे बड़ा उत्पादक है और कपास उत्पादन में चौथे स्थान पर है। हमारी नई टेक्सटाइल एंड अपेरल पॉलिसी नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगभग 85 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं और प्रदेश देश में जस्ता, सीसा, चांदी, संगमरमर और बलुआ पत्थर का अग्रणी उत्पादक है। उन्होंने कहा संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजस्थान के पत्थर की विरासत अद्वितीय है। राज्य सरकार ने खनिज ब्लॉकों की नीलामी में तेजी लाने के लिए राजस्थान खनिज नीति 2024 और एम-सैंड नीति 2024 भी लागू की है।श्री शर्मा ने कहा कि पर्यटन राजस्थान की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। यहां वर्ष 2024 में लगभग 2.3 करोड़ पर्यटक आए थे और राज्य सरकार द्वारा पर्यटन एवं हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया गया है। सरकार द्वारा पर्यटन परियोजनाओं में भूमि आवंटन हेतु न्यूनतम निवेश आवश्यकता को 100 करोड़ रूपए से घटाकर 50 करोड़ रूपए कर दिया गया है। सरकार खाटू श्यामजी, नाथद्वारा, पुष्कर, सालासर बालाजी, रणकपुर और माउंट आबू जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाला धार्मिक-पर्यटन सर्किट भी विकसित कर रही है।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हमारी सरकार टाउनशिप नीति जैसी पहलों के माध्यम से टिकाऊ एवं किफायती आवास उपलब्ध कराने और हरित विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इन प्रयासों से प्रवासी राजस्थानियों की और अधिक सक्रिय भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों द्वारा प्रदेश में निवेश और विकास में भागीदारी करने से विकसित राजस्थान के संकल्प को और मजबूती मिलेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रवासी राजस्थानियों का सम्मान किया और राजस्थान फाउंडेशन की कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, भाजपा प्रवासी प्रकोष्ठ राजस्थान के प्रदेश संयोजक व राजस्थान फाउण्डेशन पश्चिम बंगाल के समन्वयक श्री कुमार लखोटिया, उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव  आलोक गुप्ता, सीआईआई पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष शाश्वत गोयनका, राजस्थान फाउण्डेशन कोलकाता चैप्टर के अध्यक्ष  संतोष कुमार पुरोहित, सहित विभिन्न जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित थे।

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