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गरीब महिला की अनूठी पहल

गरीब महिला की अनूठी पहल

 खाटूश्यामजी , सीकर 
*सुशीला सपेरा ने श्याम पाठशाला के बच्चो की शिक्षा 21000रु का सहयोग किया*
*भीक्षा वृत्ति कर जीवन यापन करने वाले परिवार की बड़ी पहल*

 लखदातार जन सेवा समिति खाटूश्यामजी के अन्तर्गत संचालित *श्याम पाठशाला में  खाटू श्याम जी निवासी सुशीला सपेरा ने अपनी सोशल मीडिया के माध्यम से सुरमा ( काजल) बेच कर जीवन यापन करने वाली ग़रीब महिला ने अपनी कमाई का पहला हिस्सा विधालय के इन जरुरत मन्द बच्चों कि शिक्षा में 21000 रु  का आर्थिक सहयोग व एक समय का भोजन करवाकर अनूठी पहल की है* । 
झुग्गी झोपड़ी में रहकर भीक्षा वृत्ति से जीवन यापन करने वाले परिवार से आने वाली सुशीला सपेरा ने बताया की मैं झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली हु ओर मेरा परिवार भिक्षावृत्ति करके अपना जीवन यापन करता है परन्तु खाटूश्यामजी में श्याम पाठशाला में मेरे परिवार व समाज के बच्चों को निशुल्क पढ़ाते हुए देख कर ख्याल आया कि इस पाठशाला में मेरी कमाई का एक हिस्सा इन बच्चों कि शिक्षा में देने का संकल्प लिया था । तथा इन बच्चों को यहां पर निशुल्क पढ़ाते देख कर मन में ख्याल आया कि इन बच्चों के लिए मुझे भी कुछ करना चाहिए ओर शिक्षा सहयोग करना चाहिए। 
    आज सुशीला सपेरा की इऋंस्टाग्राम परिवार पर पुरे पांच लाख सदस्य हो गये है इस पर बच्चों के साथ में केक काट कर  सेलिब्रेट किया ओर संकल्प लिया कि इस परिवार मे 1 मिलियन सदस्य हो जाने पर इस पाठशाला में एक टेम्पो भेट करने का संकल्प लें रही हु जिससे खाटूश्यामजी के प्रत्येक कोने से बच्चों को ला कर रहा पढ़ाया जा सके। 

         इस संस्था में ऐसे बच्चों को शिक्षा दी जा रही है जिनका मालिक बाबा श्याम है। बाबा श्याम कि इस पवित्र नगरी भिक्षावृत्ति से मुक्त हो ओर इन बच्चों कि शिक्षा के लिए सभी श्याम प्रेमी को आगे आ कर इन का सहयोग करना चाहिए जिससे यह बच्चे अपने भविष्य में आगे बढ़ सके । संस्था के संस्थापक पवन कुमार ओला ने सभी को श्याम दुप्पटा पहना कर इनका आभार जताया। शंकर बलोदा ने बताया की इन बच्चों कि शिक्षा के लिए हर समाज के लोगों को आगे आना चाहिए ओर एक झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवार कि बहुत अच्छी सोच को देख कर लगता है कि खाटू में अब भिक्षावृत्ति में परिवर्तन सम्भव है ओर हम सब इस पर कार्य करें  जिससे इस समस्या से सभी श्याम प्रेमी को निजात मिल सके।
           ओला ने बताया कि श्याम पाठशाला में हम सब मिलजुलकर ऐसे देश के कोने-कोने से पहुंचे अनाथ, भिक्षावृत्ति से लिप्त,वंचित घुमंतू बेसहारा झोंपड़ियों में रहने वाले हजारों बच्चों को शिक्षा से सशक्त बनाने का प्रयास करेंगे । 
    वर्तमान में रोज 120 बच्चों को  निशुल्क शिक्षा,भोजन, रोज उपलब्ध करवाया जा रहा है। जहां इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, चिकित्सा,भोजन आदि सुविधाओं के साथ ऐसे बच्चे अपनी ज़िंदगी बेहतर बनायेंगे । इस समय शंकर बलोदा, महेश शेषमा, श्रवण महला , राणा नाथ अजय , फारुख, आदी उपस्थित रहे।
बी एल सरोज

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